Sachin: A Billion Dreams
मैं
cricket बिल्कुल भी नही देखता हूँ, मुझे आज भी बस इतना ही याद हैं की Indian
Cricket Team में बस Sehwag,
Dravid, Saurav, Harbhajan, Kaif ही खेलते होंगे उसके बाद का मुझे कुछ
पता नही. पर एक खिलाड़ी ऐसा हैं जिसको पूरी दुनिया जानती हैं, चाहे
कोई cricket खेले या ना खेले, देखे या ना देखे
एक नाम हैं जो हर घर में कभी ना कभी बोला गया होगा और वो हैं Sachin.
SACHIN: A BILLION DREAMS ये फिल्म अपने नाम के हिसाब से एक दम उचित हैं
की कैसे 100 करोड़ लोगो के सपनो को पूरा किया हैं इस नाम ने,
और
उस सपने को पूरा करने के लिए क्या क्या किया हैं इस इंसान ने.
James Erskine के द्वारा
निर्देशित ये फिल्म आपको Sachin Tendulkar के जीवन का एक ऐसा पहलू दिखाएगी (जी हा गौर करिए
मैने दिखाएगी लिखा हैं) जो आपने सिर्फ़ अख़बारो में या इधर उधर की अफवाहॉ में सुना
होगा या शायद कही ना भी सुना हो. ये फिल्म एक movie कम और documentrary-autobriography ज़्यादा हैं, इस
फिल्म के शुरूवात से ही आप समझ जाएगे की हम आज कोई मसाले दार cinema देखने
नही बैठे हैं, हम एक ऐसी कहानी देखने बैठे हैं जिसके बारे में
ह्मने शायद ही कभी सोचा हो.
कैसे
बना आख़िरकार एक ऐसा खिलाड़ी की जब भी वो मैदान में उतरता हैं तो कैसे लोग अपने आप
ही Sachin-Sachin चिल्लाने लगते हैं, Director ने
जितना हो सका हैं इस फिल्म को कम dramatic रखने की कोशिश की हैं क्यू की फिल्म
में असली footages का इस्तेमाल ज़्यादा हुआ हैं, Sachin खुद अपनी कहानी बताते हैं, उनके बचपन से लेकर cricket के retirement
तक
उन्होने क्या
क्या देखा? उन्हे कैसे मिली Anjali? match fixing का
उन पर क्या प्रभाव पड़ा? और तो और आज वो कैसा महसूस करते हैं?
अगर
आपं 90 के दशक में जन्मे हैं तो फिल्म के बीच में ऐसे कई मौके आएगे जो आपको वापस उस दौर में ले जायगे, Rahul Dravid का वो test match, Yuvraaj और Dhoni
के
छक्के, Saurav Ganguly का वो T-shirt उतार कर नाचना
और ये सब इसलिए क्यू की Sachin खुद फिल्म में कहते हैं की team
ही सब कुछ है, team के बिन आप कुछ नही.
फिल्म आपको वो सभी पहलू दिखाएगी जो शायद आप ने कही ना देखो हो, Greg Chappel
का
कोच बनना और उसके बाद का तनाव, Azhar controversy, Shane Warne का डर,
Wasim Akram और उनकी गेंदबाजी को Sachin का जवाब और भी बहुत कुछ. अगर आप सचिन को लेकर बहुत भावुक इंसान हैं तो A. R.
Rahman का संगीत बीच बीच में आपके रोंगटे भी खड़े कर सकता हैं , और जब आख़िर में माँ तुझे सलाम
की धुन आती हैं तो आप शायद हे अपनी भावनाओ को रोक पाए.
मैं
बस यही कहना चाहूँगा की अगर आपने अपने पूरे जीवन में कभी भी इस नाम पर भरोसा किया
हैं तो आप ज़रूर ये movie देखने जाए. इस फिल्म से हमे एक सीख
ज़रूर मिलती हैं की बड़े नाम की साथ एक और चीज़ आती हैं जो हम अक्सर नज़रअंदाज़ कर
देते हैं और वो हैं ज़िम्मेदारी, ज़िम्मेदारी उन करोड़ो लोगो के सपनो को
पूरा करने की जो आपकी ज़िंदगी से बहुत प्रभावित होते हैं, और अंत में जब
आप cinema hall से बाहर निकलेंगे तो सिर्फ़ एक हे चीज़ होंगी
जो आपके दिमाग़ में चल रही होगी