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Monday, May 7, 2018

Infinity War Review - I Wish This War Goes On Till Infinity

Avengers : Infinity War




(not giving major spoilers, just the basic ones)

27th April 2018, शायद इस से आगे कहने की कोई ज़रूरत नही हैं, अगर आप Superhero movies के fan हैं तो आपके लिए ये दिन किसी त्योहार से कम नही होगा और अगर आप Marvel के fan नही भी हैं तो भी आपके आस पास वाले लोगो ने ऐसा माहौल बना रखा होगा कि ऐसा हो ही नही सकता की आपको ये ना पता हो कि 27th को Avengers : InfinityWar Release हो रही हैं, Marvel और DC ये एक दूसरे के सबसे बड़े rivals हैं, दोनो में एक  अलग ही तरह का competition हैं| दोनो के fans के दिमाग़ में हमेशा कही ना कही ये रहता हैं कि इनमे से कौन ज़्यादा अच्छा हैं| लेकिन जब भी इन दोनो universes में से किसी की भी movie आती हैं तो चाहे आप Marvel fan हो या DC या चाहे आप किसी के भी fan ना हो आपको इनकी movies को देखने की एक अलग ही इच्छा रहती हैं, तब आप सब भूल जाते हैं, कि कौन किस से better हैं, बस सिर्फ़ एक चीज़ आपके दिमाग़ में रहती हैं कि कब मौका लगे और कब मैं movie देखने जाऊ| और जब तक आप movie नही देख लेते तब तक लोग पता नही क्या क्या करते हैं movie के spoilers से बचने के लिए| क्यू कि उनके लिए वो सिर्फ़ एक movie नही हैं बल्कि उस से कई बढ़कर चीज़ हैं, लोग डरते हैं कि कोई उन्हे कोई spoiler  ना दे दे, लोग facebook चलाना कम कर देते हैं, लोग movie के बारे में तब तक बात नही करते जब तक वो खुद ना देख आए, और अगर कोई आपको spoiler बता दे तो उसकी खैर नही| कुछ ऐसा ही aura हैं इन movies का, कि लोग इसके अलावा कुछ और सोचते ही नही हैं जब तक वो moive ना देख आए| और marvel और DC के fans कि rivalry से हट कर, दूसरी चीज़ जो आती हैं वो ये कि Marvel Cinematic Universe(MCU) में से सबसे ज़्यादा शक्तिशाली कौन हैं, कोई कहता हैं The Incredible Hulk, किसी के लिए Iron Man, और किसी के लिए Thor| list बहुत लंबी हैं, जैसे कहा जाता हैं की महाभारत के हर character पर एक movie बन सकती हैं वैसे ही MCU के हर character पर एक movie बन रही हैं, अब कौन किस से कितना better हैं इस debate का कोई अंत नही|

लेकिन ये सभी superheros किसी ना किस वजह से ही बने होंगे, दुनिया बचाना इनका काम हैं, लेकिन किस से बचा रहे हैं ये दुनिया? Avengers : Infinity War आपको इसी बात का जवाब देती हैं, अगर आपने comics पढ़ी हैं या animated series देखी हैं तो आप जानते ही होंगे कि कौन हैं वो, और बचे मेरे जैसे लोग जिन्हे नही पता था कि ये सब लड़ किस के खिलाफ रहे हैं उनके लिए ये रहा Avengers : Infinity War  का Trailer|


villian का नाम हैं Thanos, जब इसके बारे में मैने पढ़ा तो पता चला कि ये सबसे powerful villian हैं पूरे MCU में, इसके मुक़ाबले का कोई भी नही, Thanos को चाहिए 6 infinity stones (Tesseract, Heidmall, Aether, Necklace, Orb, Scepter) इन्ही 6 stones के पहले letter पर ध्यान दे तो यही बनाते हैं T-H-A-N-O-S| इन STONES को पाते ही वो एक चुटकी में आधे ब्रम्हांड को ख़त्म कर सकता हैंऔर उसे वो stones लेने से रोकेगी ये Team जिसका नाम हैं Avengers. फिल्म की cast आप सभी तो पता होगी इसलिए direct चलते हैं movie पर|
पूरी कहानी Thanos के वो 6 infinity stones ढूँढने पर ही हैं| फिल्म start होते ही Avengers का background score आता हैं और उसी के साथ जब movie का नाम बड़े पर्दे लिखा आता हैं तो बस आपके रोंगटे खड़े हो जाते हैं लगता हैं की हाँ अब feel आई हैं|

फिल्म में ऐसी बहुत सी बाते हैं जो आपको एक दम हिला कर रख देगी| अगर एक एक करके बात करे, तो सबसे पहले जो चीज़ आती हैं वो ये कि storytelling चाहे आपने Marvel की एक भी movie ना देखी हो लेकिन जब आप ये movie देखेगे तो आपको 15 min बाद ही ये बता दिया जाएगा की क्या और क्यू हो रहा हैं| मुझे यही बात काफ़ी अच्छी लगी, क्यू की बहुत से लोगो को ये लगता हैं कि उन्हे पुरानी movies देखनी पड़ेगी story line समझने के लिए, लेकिन Infinity war में ये चीज़ शुरू में ही clear कर दी जाती हैं कि Thanos वो 6 stones लेने रहा हैं, और Avengers ही उसे रोक सकते हैं, अब वो infinity stones वहाँ कैसे आए और Thanos को कैसे पता चला कि  वो कहाँ हैं ये जान ने के लिए आपको MCU की बाकी की movies देखनी पड़ेगी|
फिल्म के action sequence हमेशा की तरह जबरदस्त हैं, और खासकर की जब thanos से लड़ने वाले क्यू की उन्ही sequences में आप  देखेगे कि Thanos की असली ताक़त क्या हैं, और Thanos ने ये infinity stones पाने के लिए क्या कीमत चुकाई हैं, इसलिए वो कैसे किसी Avenger को इतने आसानी से वो stones लेने दे. Film में एक scene आता हैं जब Iron Man, Dr. Strange और Spider Man, Thanos से Titan Planet पर लड़ रहे होते हैं उसी के साथ साथ ही Wakanda में बाकी सारे Avengers Thanos की army से लड़ रहे होते हैं, और जब दिखता हैं कि Thanos की army उन सब पर भारी पड़ रही होती हैं तब होती हैं Thor की entry और वो entry देख कर आपको लगेगा की आप seat से खड़े हो कर चिल्ला दे और वाकई में जब Thor की entry पर पूरे movie hall में शोर गूँजता हैं तो आप के रोंगटे खड़े हो जाते हैं, ऐसी ही बहुत से चीज़े हैं movie में जो आपको ये पता ही नही लगने देगी कि कब movie ख़त्म होने पर गयी हैं,
movie में आप लगभग सभी superheros को Thanos और उसकी Army के खिलाफ लड़ते हुए देखेगे, आप देखेगे की कैसे एक अकेला thanos इन सब पर भारी पड़ सकता हैं| movie के end में आपको एक चीज़ clear हो जाती हैं कि Avengers कुछ भी करले Thanos का कुछ नही बिगड़ सकते, क्यू की जब तक वो 6 stones उसके पास हैं तब तक तो भूल ही जाओ की कुछ हो सकता हैं, और movie के end में Thanos इस बात को साबित भी कर देता हैं, जब कुछ Avengers की मौत हो जाती हैं| movie में एक दो बार तो ऐसे scenes आते हैं कि आपको अंदर से लगने लगता हैं कि मैं काश उधर होता हैं Thanos को खूब मारता, क्यू कि जब आप अपने favourite superheros को मरते हुए देखते हैं तो आपको दुख होता हैं, आप ये सोचते हैं कि क्यू ?? इसे क्यू मारा? ये नही मारना  चाहिए था इसकी जगह किसी और को क्यू नही मार सकते थे? तब आपको अंदर से दुख और गुस्सा दोनो आता हैं, शायद इसे ही एक अच्छी movie और story writing कहते हैं जो आपको अंदर से हिला दे, आपके अंदर के emotions को जगा दे, और इतना जगा दे कि आप मन में उस villian के लिए बुरा सोचे, उसको मारने की इच्छा रखे| Avengers भी हमे ऐसे बहुत से moments देती हैं जब आप अंदर से उन superheros के लिए बुरा feel करने लगते हैं|
movie की ending ऐसी हैं कि आपको एक बार के लिए confusion में छोड़ देगी, लेकिन आप अंदर ही अंदर जानते होंगे कि ऐसा करना ज़रूरी था तभी तो आप अगली Avengers देखने जाएगे|  movie पूरे time आपको इतना बाधे रखेगी की आप कुछ और सोच ही नही पाएगे और जब movie के ख़त्म होते ही आप को लगेगा की ये ख़त्म क्यू हुई? इतनी जल्दी ख़त्म हो गयी?? ये war थोड़ी देर और चलना चाहिए या हमेशा ही चलना चाहिए...

i wish the war could go on infinitely.......   

Saturday, May 5, 2018

102 Not Out? or Bowled out?

102 Not Out - बाप Cool बेटा Old School




Avengers: Infinity War तो आप सभी लोगो ने देख ही ली होगी और जिन्हों ने नही देखी वो आगे देखने वाले होंगे | लेकिन आज जिस movie के बारे में मैं आपको बताने जा रहा हूँ वो शायद ज़्यादा दिन लग भी ना पाए. film का नाम हैं 102 Not Out, lead roles में हैं Amitabh Bachchan, Rishi Kapoor और Jimit Trivedi. Film का trailer आप  यहाँ देख सकते हैं और film देखनी हैं या नहीं ये आप review पढ़ कर बाद में सोच सकते हैं.

Trailer देखने पर हम समझ  जाते हैं की film का नाम 102 Not Out क्यूँ रखा गया हैं| कहानी हैं एक बाप(दत्ता) और बेटे (बाबू) के बीच की, दत्ता की उमर हैं 102 और बेटे की 75| कहानी की शुरूवात में ही बताया जाता हैं की दत्ता की उमर चाहे 102 हो लेकिन दिल से वो अभी भी एक 26 साल के लड़के की तरह हैं| वहीं दूसरी तरफ उनका बेटा (बाबू) एक दम उल्टा| उसके हिसाब से अब उसकी ऐसी उमर नही बची की वो ये सब मस्ती कर पाए| इसलिए एक दिन Datta को अचानक से सूझता हैं कि अपने बेटे को वो वृधाश्रम भेज दे| datta अपने बेटे को बोलते हैं की अगर वो उस से दूर रहेगे तो शायद दुनिया में सबसे ज़्यादा जीने का record बना सके क्यूँ कि उनके हिसाब से ज़्यादा जीने के लिए खुश रहना बहुत ज़रूरी हैं|  वो ऐसा क्यूँ करते हैं ये बात अलग हैं, पर babu वहाँ नही जाना चाहता इसलिए वो datta के पास जाता हैं और बोलता हैं कि उसे नही जाना| दत्ता उसे कहते हैं क़ि अगर उसे वहाँ नही जाना हैं तो उसे 6 शर्ते माननी होंगी| अगर वो उन 6 शर्तो को पूरा कर लेता हैं तो वो उसे वृधाश्रम नही भेजेगे| जब पहली शर्त आती हैं तो लगता हैं कि कुछ interesting होगा क्यू कि एक तो पहले से ही इतनी अजीब सी इच्छा कि उनका बेटा वृधाश्रम जाए उपर से ये अजीब शर्ते| कहानी आगे बढ़ती हैं और babu वो सभी शर्ते पूरी कर देता हैं| पूरी फिल्म इन्ही 6 शर्तो पर ही हैं,|

पहली शर्त आते ही आपको लगता हैं की ये बाप अपने बेटे से क्या करवाना चाह रहा हैं, कुछ interesting सा लगता हैं , आप सोचते हैं कि आगे और भी मज़ा आएगा, लेकिन जैसे ही दूसरी शर्त आती हैं तो आपको लगता हैं कि अब तोड़ा अजीब हो रहा हैं, बहुत ही unnecessary शर्त लगती हैं फिर तो हर शर्त ही ऐसी लगने लगती हैं कि ये हो क्या रहा हैं, ऐसा क्यू कर रहा हैं ये बाप अपने बेटे के साथ? थोड़ी देर बाद आप खुद ही समझ जाते हैं कि आगे ऐसा ही चलने वाला हैं, जब first half ख़त्म होता हैं तब तक 5 शर्त पूरी हो चुकी होती हैं second half पूरा उस आख़िरी एक शर्त पर हैं, और जब end में बताया जाता हैं कि ऐसा क्यू कराया जा रहा हैं तो आपको लगता हैं कि ये तो शुरू से ही पता था हमे| आपको लगता हैं की क्या सिर्फ़ इसीलिए एक बाप अपने बेटे को ये शर्ते पूरी कराने में लगा हुआ था? acting तो normal ही हैं, ऐसा लगता नही हैं उन्हे देख कर की वो सच में ऐसे हैं, बार बार यही लगता हैं कि ये एक character कर रहे हैं इसीलिए ये सब ऐसी acting कर रहे हैं| जो दत्ता का character हैं, वो एक दम मस्ती वाला हैं, लेकिन वो जम नही रहा हैं| एक time बाद वो मस्ती भी ऐसी लगती हैं कि ये सब उन्हे करना हैं इसीलिए कर रहे हैं, natural नही लगता datta का character| 
पूरी film में दत्ता की एक आदत हैं जिसने मुझे बहुत irritate किया और वो था उनका बार बार "yoo" करना| ऐसा लगता हैं की वो character का part नही हैं बस वो "Yoo" इसीलिए  डाला गया हैं जिस से उन्हे वो 26 साल वाले आदमी के दिल वाली बात को justify किया जा सके| बाबू ने जो भी किया हैं सही किया हैं, वो लगते हैं कि वो सच में ऐसे ही हैं, उनकी और Jimit Trivedi की comedy अच्छी लगी हैं| जब datta उन्हे आख़िरी शर्त के पीछे का कारण बता ते हैं, वो आपको लगता हैं क़ी इसके अलावा और कोई कारण हो भी नही सकता, आप उस कारण को easily predict कर सकते हैं, आप को लगता हैं की हां यही हो सकता हैं इसका कारण और कुछ बैठ भी नही रहा story के हिसाब से| एक चीज़ हैं जो मुझे बहुत अच्छी लगी इस movie में, और वो हैं, movie के बीच में Kishore Kumar के गाने| दत्ता बीच बीच में पुराने गाने सुनते हुए दिखाए गये हैं, वो गाने वाकई में बहुत अच्छे लगते हैं|
कहानी के end में दत्ता एक अजीब सा dialogue मारते हैं,  

“मरने के मैं सक्त खिलाफ हूँ, जब तक ज़िंदा हो तब तक मरना नहीं हैं”