A
Death in The Gunj
इस friday
एक
काफ़ी बड़ी movie release हुई हैं, Wonder Woman पर उस
movie की fan following इतनी बड़ी हैं कि लोग movie देखने
जाएगे ही चाहे critics कुछ भी कह दे. और रही बात India-Pakistan के match की तो जैसा की
मैने पिछले post में
कहा था की मैं cricket बिल्कुल
भी नही देखता इसीलये match देखने
की बजाय मैं एक ऐसी movie देखने
गया जिसका नाम ही
बहुत कम लोगो ने सुना हुआ हैं, और वो हैं Konkona Sen Sharma के
द्वारा निर्देशित उनकी पहली movie A Death in The Gunj. यह फिल्म Mukul Sharma द्वारा
लिखी हुई एक short story पर based हैं.
इस movie
का trailer
3-4 महीने
पहले आया था और movie अब, इसी से आप अंदाज़ा लगा सकते हैं की movie की demand
इतनी
ज़्यादा नही थी और हुआ भी यही जब मैं आज ये movie देखने गया तो cinema
hall में सिर्फ़ 8 लोग थे मुझे तो एक बार के लिए लगा की
शायद show हे cancel ना हो जाए पर फिर भी movie को चलाया गया.
फिल्म की कहानी सन 1979 से शुरू
होती हैं जब एक family छुट्टिया
मानाने McCluskienganj जाते
हैं, कहानी के मुख्य
पात्र हैं Shutu (Vikrant Massey जो
आपको फिल्म Lootera में भी दिखे थे). Shutu Calcutta से
अपनी पढ़ाई पूरी करके इस family
के साथ यहा आते हैं,
ये कहानी mainly उन्ही
पर focus करती हैं, फिल्म की शुरूवात जब होती हैं तो लगता
हैं की कुछ ग़ज़ब होने वाला हैं,
आपके मन में ये सोच आ जाती हैं की कहानी में कुछ मज़ा आएगा, जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती हैं तो बीच बीच में ऐसे कई मौके आते हैं जब
आपको लगता हैं की अब कुछ होगा - अब शायद कुछ thrill आएगा लेकिन हर बार कहानी आपको चकमा दे कर कुछ
और ही दिखाती हैं. फिल्म का first
half तोड़ा slow हैं, क्यू की बीच बीच में आपको लगेगा की कुछ
चीज़े ज़बरदस्ती डाली गयी हैं, लेकिन
वो चीज़े इसीलिए डाली गयी हैं की दर्शक कुछ predict ना करले और Director इस चीज़ में काफ़ी सफल हुए हैं, पर
जैसे ही intermission के
बाद कहानी आगे बढ़ती हैं कहानी वो सब deliver करती हैं जो आप first half में expect कर रहे थे. फिल्म में जीतने भी पात्र हैं उन
सभी ने काम बहुत ही शानदार तरीके से किया हैं और ख़ासकर की Ranvir Shorey और Vikrant Massey ने. कहानी का अंत आते आते जब आपको लगता हैं की शायद
ये एक normal सी
ही movie हैं तभी एक दम
से वो moment आता हैं जब आप देख पाते हैं की फिल्म
की शुरूवात इतनी अजीब सी क्यू रखी गयी हैं, फिल्म का direction
बढ़िया हैं, आपको
ऐसा लगेगा ही नही की ये की कोई पहली बार direct कर रहा हैं, और ख़ासकर की cinematography,
movie इतनी soft चलती
हैं की आपको पता ही नही चलेगा की कब क्या चीज़ आने वाली है.
इस movie
को
देखने सिर्फ़ वही लोग जाए जिन्हे pure drama पसंद हैं,
क्यू
की movie बहुत slow चलेगी, हो सकता हैं की आपके मन में एक बार ये सवाल
भी आ जाए की क्या इस movie में कुछ होगा भी या बस यूँ ही चले जा
रही हैं, इसीलिए ये movie mass audience के लिए बिल्कुल
भी नही हैं, और मुझे तो ये भी लगता हैं की class
audience वालो में से भी हर किसी को पसंद ना आए. और हा अगर आप सिर्फ़ film का नाम सुनकर जा रहे हैं तो हो सकता
हैं आपको थोड़ी निराशा हाथ लगे क्यू की जैसा की मैने कहा ये फिल्म बहुत हे unpredictable हैं, आप जो सोच के जाएगे ये फिल्म आपको वो
नही देगी.
No comments:
Post a Comment