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Saturday, June 9, 2018

Kapoor & Sons (Since 1921) - The Movie That Can Stir Up Your Emotions


Kapoor & Sons (Since 1921)


ऐसे बहुत से लोग हैं जो Bollywood से नफ़रत करते हैं, उनकी शिकायत रहती हैं कि Bollywood बस नाम पे ध्यान देता हैं काम पे नहीं, और ऐसा क्यू ना कहे? जिस हिसाब से फ़िल्मे बन रही हैं उस हिसाब से ये काफ़ी हद तक सही भी हैं| मेरा एक दोस्त हैं Anubhav जो मुझे बहुत time से कहता रहा कि मुझे Kapoor and Sons देखनी चाहिए पर कभी मौका ही नही लगा| आज सोचा कि देखता हूँ, जब फिल्म start हुई तो समझ में गया कि एक family drama movie हैं जिसमे झगड़े रोना धोना ये सब होगा| पर जब movie आगे बढ़ी तो समझ आया कि ये movie सिर्फ़ एक piece of art नही हैं, ये उस से कई बढ़ कर हैं, ये एक सीख हैं जो हर इंसान को कभी ना कभी काम आएगी और ये movie एक जवाब हैं उन सभी को जिनकी नज़रो में Bollywood की इज़्ज़त कम होती जा रही हैं, ये उन्ही कुछ फ़िल्मो में से हैं जो इस Bollywood की इज़्ज़त को सम्भाले हुए हैं| फिल्म ने business तो 100 crore से उपर का किया लेकिन इज़्ज़त उस से कई गुणा ज़्यादा पाई हैं| आज के time जब लोग दुख से दूर भाग रहे हैं, ये सोच कर की उन्हे कुछ feel  नही करना ये movie उन्ही लोगो के अंदर वो emotions को जगाएगी और आपको बताएगी की अगर अच्छी story, screenplay और actors के साथ movie इतनी अच्छी तरह direct करी जाए तो आप चाहे किसी भी उमर में क्यू ना हो आप भी अंदर से रो सकते हैं, आप भी वो दुख और दर्द महसूस कर सकते हैं जो उन लोगो ने महसूस किया | ऐसी बहुत कम ही movies होती हैं और ख़ासकर की drama movies जिनमे आप seat नही छोड़ सकते क्यू की फिल्म में हर event आपके अंदर एक emotion trigger करता हैं फिर चाहे वो दो भाइयो के रिश्ते की बात हो, माँ-बेटे की, या पति पत्नी की. फिल्म आपको हिलने ही नही देगी, आप खुद ही नही छोड़ कर जाना चाहेगे seat और अंदर से खुद सोचेगे की ये सब कितना बुरा हो रहा हैं इनके साथ इन सब लोगो को किन चीज़ो से गुज़रना पड़ रहा हैं| आज मुझे समझ में आया की मेरा दोस्त बार बार क्यू मुझे ये movie देखने को बोलता था वो बार बार कहता था की ये फिल्म मुझे उसी वक़्त देख लेनी चाहिए थी, और मुझे लगता हैं कि वो एकदम सही कहता हैं ऐसी फिल्म को आप कही भी देखे चाहे theatre में याअपने laptop पर, इस फिल्म का impact वैसा ही रहेगा क्यू की फिल्म की script इतनी अच्छी हैं की ये matter नही करता की आप कहाँ देख रहे हैंmovie का trailer देख कर भी आपको यह अंदाज़ा ही नही होगा कि movie इतनी अच्छी हो सकती हैं, क्यू कि trailer में ऐसा लगता हैं जैसे यह एक lite drama movie हैं जिसमे एक family कि कहानी होगी|

Watch the trailer of Kapoor and Sons (Since 1921)



फिल्म की कहानी हैं Kapoor family के बारे मैं, जिसमे सबसे बड़े हैं Mr. Kapoor (Rishi Kapoor), फिर हैं The Kapoor Parents (Rajat Kapoor और Ratna Pathak) और last में आते हैं दो भाई The Kapoor Grandsons (Fawad Khan और Sidharth Malhotra). Mr. Kapoor को आया heart attack इन दोनो भाइयो को विदेश से अपने घर वापस बुला लेता हैं, ये दोनो 5 साल बाद वापस India आते हैं, दोनो अलग-अलग जगह रहते थे और अलग अलग काम करते हैं| Mr. Kapoor की एक इच्छा हैं कि मरने से पहले उनकी एक family photograph हो जिसे वो दीवार पर लगा सके| कहानी में यही photograph end में हमे बताती हैं की जब 4 x 4 के photo frame में कुछ लोग खड़े हुए मुस्कुरा रहे हो तो ज़रूरी नही की वो अंदर से भी उतने हे खुश हैं| कहानी के हर किरदार की अपनी एक कहानी हैं और जब end में सब बाते सामने आती हैं तो समझ आता हैं कि हम सभी की life में ऐसी कोई ना कोई situation आती हैं जब हमे कुछ फ़ैसले लेने पड़ते हैं और उन फ़ैसलो से हमारे आस पास वाले लोगो को बहुत दुख हो सकता हैं लेकिन उस वक़्त वो करना ज़रूरी होता हैं इसीलिए हम एक बार के लिए उन चीज़ो को नज़रअंदाज़ कर देते हैं


कहानी का हर किरदार अपनी अपनी life में एक struggle कर रहा हैं, कोई “perfect beta” के tag से थक चुका हैं, तो एक भाई दूसरे की तरक्की देख कर खुद के बारे मैं कुछ कर नही पा रहा हैं, पति और पत्नी की अपनी अलग समस्या हैं और इन सब के बीच हैं Mr. Kapoor जो आज भी उतने ही मस्त हैं उनके अंदर आज भी उतना ही बचपाना हैं| फिल्म में उनका किरदार वाकई में बहुत अच्छा हैं, उनकी हरकते खूब हसाती हैं| लेकिन एक बात हैं जो फिल्म हमे सीखा के जाती हैं और वो है कि चाहे हमारे अपनो ने ऐसा कुछ भी किया हो जिस से हमे बहुत बुरा लगे शायद हम उनसे कभी बात ना करने का फ़ैसला कर चुके हो, लेकिन जब वो इंसान दिल से माफी माँगे तो हमे उसे माफ़ कर देना चाहिए| मेरे हिसाब से यही एक सच्चा प्यार हैं, की अगर उस इंसान को अपनी ग़लती का एहसास हो चुका हैं तो यही उसके सबसे बड़ी सज़ा हैं |मैं और आप कौन हैं जो उस से बात ना करने का फ़ैसला ले कर उसे और बुरा feel करवाए. क्यू कि जीवन में अच्छे family relations की जो value हैं वो बहुत चीज़ो से बढ़कर हैं, क्यू कि गुस्से में लिया हुआ एक फ़ैसला कभी कभी आपको ज़िंदगी भर का दुख दे सकता हैं, अगर आपके मॅन में हैं की आप को उस इंसान से बात करनी हैं जिस इंसान ने आप का दिल दुखाया हैं तो बात कर ली जिए अंदर ही अंदर मत रखिए, इसीलिए कहते हैं की express करना बहुत ज़रूरी हैं की आप क्या सोचते हैं| आपके गुस्से के हक़दार सिर्फ़ वही लोग हैं जो आपसे बहुत प्यार करते हैं और आप जिनसे| क्यू कि ऐसा हो सकता हैं की जिस समय आप अपने गुस्से में ये सोच रहे हो तब उसी इंसान को आपकी ज़रूरत हो, वो किसी मुसीबत में हो और अगर उस मुसीबत के समय में आपके फोन ना उठाने से या आपके बात नही होने से अगर कुछ हो जाए तो आप शायद अपने आप को माफ़ ना कर पाए. आप यही सोचेगे की काश मैं उस इंसान को जाने से रोक लेता तो आज ये सब ना होता उस वक़्त आपको लगेगा कि एक छोटी सी चीज़ आगे कितना बड़ा नुकसान कर सकती हैं| फिल्म में एक scene आता हैं जब Alia Bhatt बताती हैं कि की जब वो 13 साल की हुई थी तब वो अपने माँ-बाप पर बहुत गुस्सा थी क्यू की वो दोनो उनके साथ birthdayपर नही थे| गुस्से में Alia phone उन पर बहुत गुस्सा करती हैं और कह देती हैं की उन्हे आने की कोई ज़रूरत नही इस से अच्छा तो वो ना ही होते वो अकेली ही ठीक हैं और बस दो दिन बाद उन्हे पता चलता हैं कि उनका plane crash हो गया हैं| तब Alia को ये एहसास होता हैं कि उन्होने कितनी बड़ी ग़लती कर दी हैं ,उन्हे नही पता होगा कि उनके साथ ऐसा होने वाला हैं| यही हमे बताता हैं की समय के आगे किसी की नही चलती जब आपके पास थे वो लोग तब आपने गुस्से में उन्हे क्या क्या कह दिया और जब आज आप उन्हे कुछ कहना चाहते हैं तो वो आपके साथ नही हैं तो

इन सभी बातो से हटकर अगर हम acting की बात करे, तो वाकई में सभी ने बहुत ही बढ़िया काम किया हैं बहुत ही ज़्यादा natural acting, और ख़ासकर की जब झगड़े वाले scenes आते हैं तो सच में लगता हैं की ये acting नही कर रहे हैं| ख़ासकर की Fawad Khan, बहुत ही बढ़िया acting करी हैं उन्होने! जिस तरह pakistan के अलग होने पर हमे Nusrat Fateh Ali ख़ान, Shoaib Akhtar जैसे बहुत से लोगो को देख कर दुख  होता हैं उसी तरह बीच में हुए political issues की वजह से हम कह सकते हैं की हमने Acting में Fawad Khan को खो दिया|

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