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Sunday, September 30, 2018

Sui Dhaaga review - it's more about the struggle, rather than winning...


Sui Dhaaga - Made in India


सिलाई की सुई में धागा पिरोते हुए जो मेहनत लगती हैं, फिल्म Sui Dhaaga Made in India भी उसी struggle की कहानी हैं| फिल्म का निर्देशन किया हैं, Sharat Katariya ने जो इस से पहले Dum Laga Ke Haisha बना चुके हैं! फिल्म का trailer ये रहा....




फिल्म कहानी हैं Mauji की जो की एक छोटे से जिले में अपनी छोटी सी नौकरी करके खुश हैं, लेकिन जब उस नौकरी की पगार के साथ आपको थोड़ी बेज़्ज़ती भी मिले तो फिर वो नौकरी क्या काम कि? बस ऐसा ही कुछ होता हैं फिल्म में, और Mauji सोच लेता हैं कि खुद का सिलाई का धंधा चालू करेगा. लेकिन अगर सोचने से ही सब कुछ हो सकता तो आज हम क्या क्या नही कर पाते| फिल्म की कहानी में कुछ ज़्यादा सोचने का नही हैं, Trailer देख कर कोई भी बता सकता हैं कि last में happy ending ही होनी हैं| लेकिन ये बात तो Sharat katariya के दिमाग़ में भी आई होगी तो फिर ऐसा क्या, कि फिल्म बनाए? ये फिल्म success पर ज़्यादा focus ना करते हुए, उस success तक पहुचने की कहानी हैं, ये फिल्म success पर कम और struggle पर ज़्यादा ध्यान देती हैं, जो की अच्छी बात हैं|
कुछ भी करने से पहले, इंसान सोचता हैं, और फिर कुछ करने का प्रयास करता हैं, लेकिन उसे प्रयास कहा ही इसलिए जाता है, क्यू की उसमे बहुत सी कठिनाइया होती हैं, ये कहानी भी उन्ही कठिनाइयो कि हैं|
फिल्म बताती हैं की जब आप किसी भी अच्छी चीज़ की शुरूवात करते हैं तो हो सकता हैं कोई भी आपके साथ ना हो, लेकिन जैसी ही आप उस तरफ पहला कदम लेते हैं तो सब धीरे धीरे सही हो जाता हैं|
और जो लोग सच में आपके साथ हैं, उन्हे कभी भी आपके passion या hobby या interest से problem नही होगी|

फिल्म देख लीजिए, अच्छी हैं|


Sunday, September 23, 2018

Stree Review - Hats Off..!!

Stree

India में, horror movie बना ना एक तो बहुत ही ज़्यादा बड़ा task मानता हूँ मैं| इतना आसान नहीं हैं, एक horror story उठाना और उस पर एक फिल्म बना ना! और ये और ज़्यादा difficult तब हो जाता हैं जब उसी horror में आपको comedy भी डालनी हो, ये तो और ही ज़्यादा difficult हो गया! ऐसी ही एक कोशिश करी हैं Amar Kaushik ने फिल्म Stree बना कर| और मैं कहना चाहूगा की वो इस कोशिश में बहुत ही ज़्यादा सफल हुए हैं, अगर इस फिल्म ने 100 Crore ना कमाए होते तो मुझे shock लगता! ये फिल्म सच में 100 crore deserve करती हैं! फिल्म का trailer आपके लिए हाज़िर हैं,....


फिल्म की कहानी हैं एक Chanderi नाम के एक गाँव की, जहा हर साल एक अजीब से घटना होती हैं, और वो ये की हर साल एक चुड़ैल औरत उस गाँव में कर, वहा के मर्दो को उठा ले जाती हैं! लोगो के मॅन में एक ख़ौफ़ हैं, कि कैसे बचा जाए! इसी बीच Vicky या फिर Chanderi की ज़ुबान में बोले तो Bicky (Rajkumar Rao) की मुलाकात होतीं हैं एक सुंदर स्त्री से, प्यार के भूखे Bicky भैया आँखे मीचे चल पड़ते हैं उनके पीछे, पर उनके दोस्त को यहीं लगता हैं की यही लड़की वो चुड़ैल स्त्री हैं जो गाँवो के मर्दो को उठा कर ले जा रही हैं, और जब Bicky को ये बात पता चलती हैं, तो Bicky भैया के पैरो तले ज़मीन खिसक जाती हैं! फिर आगे क्या होता हैं इसके लिए तो आपको Stree देखनी पड़ेगी क्यू की ये फिल्म वाकई में बहुत ही ज़्यादा thrilling और interesting हैं| मतलब आप नही miss कर सकते हैं ये फिल्म.

फिल्म में कोई बुराई तो मुझे दिखी नही, acting, script, direction, और बाकी सारी चीज़े बहुत ही अच्छी हैं, ख़ासकर की music, लेकिन एक सबसे बढ़िया चीज़ अगर मैं बताना चाहू तो वो ये की, फिल्म बहुत ही ज़्यादा balanced हैं| जब horror element आता हैं तो आपको सच में डर लगेगा, कोई हसी मज़ाक कुछ नही, आप भूल जाओगे की ये कोई Comedy-Horror genre की फिल्म हैं, उस वक़्त ये horror रहेगी, लेकिन आपकी सांसो को control करने के लिए, फिर director आपको comedy का स्वाद देंगे, और आपको वो भी उतना ही अच्छा लगेगा जितना horror था| यही हैं वो balance जो मैने शायद ही कभी देखा हो, बहुत ही ज़्यादा balanced movie.

Hats off to Amar Kaushik!

Batti Gul Meter Chalu Review - Message Delivered.... But.....

Batti Gul Meter Chalu



बत्ती गुल meter चालू... फिल्म का नाम ही ऐसा हैं कि ज़्यादा समझने की ज़रूरत नही पड़ेगी| इस friday release हुई हैं Shree Narayan Singh के निर्देशन में बनी ये फिल्म Batti Gul Meter Chalu.. फिल्म का trailer आप सभी ने देख लिया होगा, अगर नही देखा हैं तो ये देखिए..


फिल्म की कहानी हैं उत्तराखंड के एक जिले के बारे में जहाँ लोगो को अंधेरे में रहने की आदत पड़ चुकी हैं, अब पूछिए क्यों??? अरे जवाब बहुत ही सीधा हैं, क्यू की बिजली ही नही आती हैं भाई!! लोगो ने बिजली ना आने की वजह से अलग अलग तरीके सोच लिए हैं मन बहलाने के| इन्ही लोगो के बीच की ये हैं कहानी, एक हैं Sushil Kumar Pant (Shahid kapoor), दूसरी हैं Lalita (Shraddha Kapoor), और अंत में आते हैं Sundar Mohan Tripathi| अब भैया कहानी ये हैं कि सुंदर भैया चाहते हैं की उनकी एक factory हो, जो बहुत फले फूले और सब अमीर बन जाए, लेकिन समस्या ये हैं की बिजली का बिल बहुत आता हैं| एक बार तो 54 लाख का बिल जाता हैं, और जब सुंदर भैया जाते हैं, बिजली विभाग, तो जैसा की आप जानते हैं उनको हाथ में मिलती हैं निराशा ही निराशा| बस, फिर क्या इन्ही सब की सोच में कूद पड़ते हैं, नदी में, और गावा देते हैं जान| ये जानकार उनके दोस्त, सुशील को बड़ा सदमा लगता हैं, और वो ठान  लेते हैं की अगर 54 दिन में बिजली विभाग की नाक में दम ना किया तो नाम बदलवा देंगे खुद का| ये कहानी भी बस उसी लड़ाई की हैं|

अब सीधे जाते हैं, फिल्म की कुछ अच्छी बातो पर| सबसे पहला, कहानी को एक नाटक की तरह चलाया गया हैं, कहानी की starting से end तक आपको बीच-बीच में दो विचित्र लोग दिखेगे, ये वो लोग हैं जिन्हे हम, narrator कहेंगे, जी हाँ, ये दोनो से शुरू से end तक रहते हैं, जो कहानी को flashback की तरह सुनाते हैं| और जब film ख़त्म होती हैं, तो जिस bus में ये दोनो दोस्त जा रहे होते हैं उसका हो जाता हैं accident| पहले तो मैं भी सोच में पड़ गया की यार ये क्यू दिखाया? फिर उन दोनो के नाम पर अगर आप ध्यान देंगे तो उनके नाम होते हैं, कल्याण और विकास| लगा झटका? नही? director ने एक बहुत ही बड़ा symbolism का खेल खेला हैं, कल्याण और विकास दोनो ही इस देश की ज़रूरते हैं, लेकिन जो बस का driver हैं वो इन दोनो को अपनी मंज़िलो तक पहुचने ही नही देता हैं, accident होता हैं और सब गायब. कटाक्ष कहना शायद ज़्यादा सही रहेगा| दूसरी सबसे अच्छी बात, फिल्म अपना संदेश बहुत अच्छे से छोड़ कर जाती हैं, जी हाँ, फिल्म का जो message हैं वो बहुत ही ज़्यादा clear हैं, और अच्छी बात बता कर जाती हैं, कि कहीं ऐसा ना हो की आप अपने घर के मीटर में लगी लाल बत्ती को चमकते बंद होते हुए देख रहे हैं कही वो लाल बत्ती, आपके बिजली ना use करने पर भी ना चल रही हो, तभी तो फिल्म का नाम हैं, की बत्ती तो नही रही लेकिन meter फिर भी चालू? वाह, क्या scam हैं|
ये सब थी अच्छाइया, आइए ज़रा बुराई की तरफ रुख़ करे, सबसे पहले, बहुत ही ज़यादा melodrama, मतलब इतना ज़यादा की बस एक दम TV Serial जैसा, किसी की मौत हो जाए अगर तो, sad music में सितार बाज रहा हैं, आप समझ सकते हैं अब की मैं किस level के melodrama की बात कर रहा हूँ| दूसरी अजीब चीज़, ये मेरा personal opinion हैं, फिल्म मैं High Court की proceedings का जो मज़ाक बना दिया हैं इन्होने उसके बारे में मैं क्या ही बोलू! मेरा मतलब कुछ भी!!! कुछ भी, चल रहा हैं उसमे, High Court नही था वो, वो कुछ और होगा जिसको इन्होने High Court दिखा दिया, Judge केस से ज़्यादा Cricket match में interested हैं, वकील साहिब flirt और मज़ाक करने में, court नही था वो| कुछ और था!
लेकिन एक और चीज़ हैं जो मुझे काफ़ी सही लगी, वो ये की Shraddha Kapoor चाहे इतनी अच्छी acting ना कर पाती हो, लेकिन उनकी acting में दिखता हैं कि ये लड़की कोशिश पूरी कर रही हैं, चाहे acting ना कर पा रही हो, लेकिन कोशिश पूरी है and I respect that! 
एक और बात, वो ये की shahid यार तुम और बढ़िया कर सकते हो, इसमे भी सही करी हैं acting, लेकिन भाई मैं सच में तुम्हे और बढ़िया करते हुए देखना चाहता हू.. Go Shahid  

Overall अगर कहे तो, ये फिल्म one time watch हैं, लेकिन हा मेसेज बहुत अच्छे से deliver किया गया हैं, कि एक दम दिमाग़ में बैठ जाए बात आपके!