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Sunday, September 23, 2018

Batti Gul Meter Chalu Review - Message Delivered.... But.....

Batti Gul Meter Chalu



बत्ती गुल meter चालू... फिल्म का नाम ही ऐसा हैं कि ज़्यादा समझने की ज़रूरत नही पड़ेगी| इस friday release हुई हैं Shree Narayan Singh के निर्देशन में बनी ये फिल्म Batti Gul Meter Chalu.. फिल्म का trailer आप सभी ने देख लिया होगा, अगर नही देखा हैं तो ये देखिए..


फिल्म की कहानी हैं उत्तराखंड के एक जिले के बारे में जहाँ लोगो को अंधेरे में रहने की आदत पड़ चुकी हैं, अब पूछिए क्यों??? अरे जवाब बहुत ही सीधा हैं, क्यू की बिजली ही नही आती हैं भाई!! लोगो ने बिजली ना आने की वजह से अलग अलग तरीके सोच लिए हैं मन बहलाने के| इन्ही लोगो के बीच की ये हैं कहानी, एक हैं Sushil Kumar Pant (Shahid kapoor), दूसरी हैं Lalita (Shraddha Kapoor), और अंत में आते हैं Sundar Mohan Tripathi| अब भैया कहानी ये हैं कि सुंदर भैया चाहते हैं की उनकी एक factory हो, जो बहुत फले फूले और सब अमीर बन जाए, लेकिन समस्या ये हैं की बिजली का बिल बहुत आता हैं| एक बार तो 54 लाख का बिल जाता हैं, और जब सुंदर भैया जाते हैं, बिजली विभाग, तो जैसा की आप जानते हैं उनको हाथ में मिलती हैं निराशा ही निराशा| बस, फिर क्या इन्ही सब की सोच में कूद पड़ते हैं, नदी में, और गावा देते हैं जान| ये जानकार उनके दोस्त, सुशील को बड़ा सदमा लगता हैं, और वो ठान  लेते हैं की अगर 54 दिन में बिजली विभाग की नाक में दम ना किया तो नाम बदलवा देंगे खुद का| ये कहानी भी बस उसी लड़ाई की हैं|

अब सीधे जाते हैं, फिल्म की कुछ अच्छी बातो पर| सबसे पहला, कहानी को एक नाटक की तरह चलाया गया हैं, कहानी की starting से end तक आपको बीच-बीच में दो विचित्र लोग दिखेगे, ये वो लोग हैं जिन्हे हम, narrator कहेंगे, जी हाँ, ये दोनो से शुरू से end तक रहते हैं, जो कहानी को flashback की तरह सुनाते हैं| और जब film ख़त्म होती हैं, तो जिस bus में ये दोनो दोस्त जा रहे होते हैं उसका हो जाता हैं accident| पहले तो मैं भी सोच में पड़ गया की यार ये क्यू दिखाया? फिर उन दोनो के नाम पर अगर आप ध्यान देंगे तो उनके नाम होते हैं, कल्याण और विकास| लगा झटका? नही? director ने एक बहुत ही बड़ा symbolism का खेल खेला हैं, कल्याण और विकास दोनो ही इस देश की ज़रूरते हैं, लेकिन जो बस का driver हैं वो इन दोनो को अपनी मंज़िलो तक पहुचने ही नही देता हैं, accident होता हैं और सब गायब. कटाक्ष कहना शायद ज़्यादा सही रहेगा| दूसरी सबसे अच्छी बात, फिल्म अपना संदेश बहुत अच्छे से छोड़ कर जाती हैं, जी हाँ, फिल्म का जो message हैं वो बहुत ही ज़्यादा clear हैं, और अच्छी बात बता कर जाती हैं, कि कहीं ऐसा ना हो की आप अपने घर के मीटर में लगी लाल बत्ती को चमकते बंद होते हुए देख रहे हैं कही वो लाल बत्ती, आपके बिजली ना use करने पर भी ना चल रही हो, तभी तो फिल्म का नाम हैं, की बत्ती तो नही रही लेकिन meter फिर भी चालू? वाह, क्या scam हैं|
ये सब थी अच्छाइया, आइए ज़रा बुराई की तरफ रुख़ करे, सबसे पहले, बहुत ही ज़यादा melodrama, मतलब इतना ज़यादा की बस एक दम TV Serial जैसा, किसी की मौत हो जाए अगर तो, sad music में सितार बाज रहा हैं, आप समझ सकते हैं अब की मैं किस level के melodrama की बात कर रहा हूँ| दूसरी अजीब चीज़, ये मेरा personal opinion हैं, फिल्म मैं High Court की proceedings का जो मज़ाक बना दिया हैं इन्होने उसके बारे में मैं क्या ही बोलू! मेरा मतलब कुछ भी!!! कुछ भी, चल रहा हैं उसमे, High Court नही था वो, वो कुछ और होगा जिसको इन्होने High Court दिखा दिया, Judge केस से ज़्यादा Cricket match में interested हैं, वकील साहिब flirt और मज़ाक करने में, court नही था वो| कुछ और था!
लेकिन एक और चीज़ हैं जो मुझे काफ़ी सही लगी, वो ये की Shraddha Kapoor चाहे इतनी अच्छी acting ना कर पाती हो, लेकिन उनकी acting में दिखता हैं कि ये लड़की कोशिश पूरी कर रही हैं, चाहे acting ना कर पा रही हो, लेकिन कोशिश पूरी है and I respect that! 
एक और बात, वो ये की shahid यार तुम और बढ़िया कर सकते हो, इसमे भी सही करी हैं acting, लेकिन भाई मैं सच में तुम्हे और बढ़िया करते हुए देखना चाहता हू.. Go Shahid  

Overall अगर कहे तो, ये फिल्म one time watch हैं, लेकिन हा मेसेज बहुत अच्छे से deliver किया गया हैं, कि एक दम दिमाग़ में बैठ जाए बात आपके!

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